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        मैं राधे श्याम, उम्र 21 साल, पेशे से समाज सेवक हूं । मेरा जन्म राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले के कुलचन्द्र नामक एक गाँव में 15 अप्रैल 1991 में हुआ। बचपन गाँव की धूल मिट्टी खेलते और गाँव के एकमात्र प्रायमरी स्कूल में बिता। पापा जब ऐलनाबाद में दुकान की तब शहर का मुंह देखना नसीब हुआ।

        ये अब तक का पूरा समय ऐलनाबाद में बीता। इधर कालेज आया तो बी.कॉम. की पढ़ाई में मन नहीं लगा और अब तीन साल की स्नातक डिग्री पूरी होने ही वाली थी। बी.कॉम. होती रही और इंटरनॆट का चस्का लगा तो कुछ दिन वेब-डिजाइनिंग भी की। फ़िर दिमाग दूसरी तरफ़ लगा और LIC का एजेंट के लिए तैयारी में लग गया। बी.कॉम. और LIC की तेयारी साथ-साथ चलती रही। LIC मे सफ़ल हुआ और एजेंट बन गया।

        अब अपनी बी.कॉम. के साथ LIC का थोडा-बहुत काम आदि कर लेता हूं या औपचारिक शब्दों में कहें तो समाज सेवा ही कर लेता हूँ। बी.कॉम. के बाद मेने वेब डिजाइनिग करने की सोच रहा हूँ। इधर ज़िन्दगी को समझने, उधेड़ने,, बुनने, कुछ पाऊं तो उसे गुनने, अतीत में झाकनें और कल्पनाओं की उड़ान भरने के अलावा कोई खास काम नहीं करता। अभी ऐलनाबाद मे ही रह रहा हूँ और यही सब करने या न करने का भ्रम पाले बैठा हूँ।

        अतीत की स्मॄतियों के छालों और फ़ूलों में सिमटकर, भविष्य के चिंतन में किसी दरवेश सा वर्तमान को सहेज-संजोकर खुश रहने की कोशिश में लगा हूँ। कभी खुद के तो कभी सब के बारे में सोच लेता हूँ। मैं हूँ। मैं ज़िंदा हूँ।……..हम ज़िंदा है। सचमुच हम ज़िंदा है ये सिद्ध करने की एक और नाकाम कोशिश में लग जाता हूँ। बस इतनी सी बातें है मेरे बारे में। कम से कम अब तक तो खुद को इतना ही समझ पाया हूँ